Monday, November 10, 2008

here is my first rhythm...hope to see ur nice comments...

क्या उसकी बातों में सच्चाई थी ?


एक दिन मैं सुबह- सुबह सो कर उठा ही था की एक व्यक्ति मुझसे बोला ,
क्या है तेरे पास , किस पर है इतना विशवास ,
जो इस निरे जीवन में तू जीना चाहता है?

मैं जब तक कुछ समझ पता , वह व्यक्ति फिर बोला ,
क्या है अपना ,क्या है पराया ,
यह सब तो हैं जीवन की माया,
जाने क्यूँ तू इस निरे जीवन में जीना चाहता है?

इससे पहले की मैं कुछ बोलता , वह व्यक्ति तपाक से फिर बोला,
तू क्या है .. एक पेड़ की तरह ....
जो ठूंट है तो साथ नही एक पात ,
और फल आते ही होते हैं सब साथ॥??

लेकिन इस बार इससे पहले वह व्यक्ति कुछ बोलता ,
मैंने उसे रोकते हुए बोला
"जिनको तू कहता है पराया वे ही हैं मेरे जीवन का साया,
और अगर साथ की बात हैं तो, मेरे साथ वोह है जो किसी साथ नही है...
वोह है मेरा प्यार , मेरा विश्वास
ये है उसकी हिम्मत ,उसका साथ
जो इस संसार में मैं जीना चाहता हूँ


इतना कहते ही वेह व्यक्ति गायब हो गया....
और मेरे सामने था एक आईना ....

मैं कर रहा था अंतर्मन से बातें,
फिर भी मैं कभी-कभी सोचता हूँ की ,
"क्या उसकी बातों में सच्चाई थी ?"



saurabh patel...

2 comments:

Vikas Bajpai said...

hi saurabh...great effort...!!!
You are welcomed in any gathering....yaar I cant believe this...see my blog is working as a platform for others to show their hidden talents...really you write magically.........

sumit said...

KYA BAAT HAI BHAI...BAHUTT KHUB LIKHA HAI TUNEY