Wednesday, November 5, 2008

पप्पू बड़े pressure में भाई

घर वालों ने कॉलेज भेजा, देखी नही हाथ की रेखा
सोंचा-पप्पू ऐसा काम करेगा ,colony में नाम करेगा
घर से भेजा B.Tech करने, पढने यहाँ वो आया था
हवा लगी कॉलेज की तब, छोटे बाल भी बड़े हो गए
तेल से चीपके थे जो बाल, अब जेल लगा कर खड़े हो गए
जब घर से चिठ्ठी है आई, पप्पू बड़े pressure में भाई ।

second year बन senior पहुँचा, ragging तो अब लेनी है
पहला साल कब कैसे बीता, जान नही वो पाया है
notes बना कर क्या है करना, quantum वो लाया है
Pocket Money ख़त्म हुई, computer course नया बहाना है
माँ कुछ पैसे और भेज दो, passport बनवाना है
Girlfriend भी नही बन पायी, पप्पू बड़े pressure में भाई ।


एक register लेकर चलता, cellphone पर है गाने सुनता
अम्मा की दुकान पर देखो, cigarette पीने आया है
core books का क्या है करना, जब KPH की माया हा
foreign authors के हाथ जोड़ता, concept में card बनवाया है
coding कर के क्या है करना, net से project उड़ाया है
घरवालों ने सपने देखे, दहेज़ की है list बनाई
मम्मी ने भी करी दुहाई, पप्पू बड़े pressure में भाई ।


last year तो सोच लिया है, class नही अब जाना है
हर saturday को सबसे, massbunk मरवाना है
बेradio और किताबें, N-series वो लाया है
तीन साल तो बीत गए, अब चौथा साल बकाया है
फ़िर भी पप्पू मस्त घूमता, नौकरी नही वोह पाया है
अब तो मुश्किल सर पर आई, पप्पू बड़े pressure में भाई ॥


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यह कविता अगर आपके दिल और दिमाग के किसी भी कोने में छू जाए तो मुझे जरूर अवगत कराये और बेहिचक नीचे दिए गए comment link में जा कर अपना संदेश लिखे..............

Vikas Bajpai
CS Final Year

Tuesday, November 4, 2008

tanhai !!!!!!!!!!!!!!

किसी के इतने पास न जा,
के दूर जाना खौफ़ बन जाये;
एक कदम पीछे देखने पर,
सीधा रास्ता भी खाई नज़र आये!
किसी को इतना अपना ,न
बनाकि उसे खोने का डर लगा रहे;
इसी डर के बीच एक दिन ऐसा न आये,
तु पल पल खुद को ही खोने लगे !
किसी के इतने सपने न देख,
के काली रात भी रन्गीली लगे;
आन्ख खुले तो बर्दाश्त न हो ,
जब सपना टूट टूट कर बिखरने लगे!
किसी को इतना प्यार न कर ,
के बैठे बैठे आन्ख नम हो जाये;
उसे गर मिले एक दर्द ,
इधर जिन्दगी के दो पल कम हो जाये!
किसी के बारे मे इतना न सोच,
कि सोच का मतलब ही वो बन जाये;
भीड के बीच भी ,
लगे तन्हाई से जकडे गये!
किसी को इतना याद न कर,
कि जहा देखो वोही नज़र आये;
राह देख देख कर कही ऐसा न हो ,
जिन्दगी पीछे छूट जाये!
ऐसा सोच कर अकेले न रहना,
किसी के पास जाने से न डरना
न सोच अकेलेपन मे कोई गम नही,
खुद की परछाई देख बोलोगे "ये हम नही