आज फ़िर इक सपना याद आया ,
गीली ओस में नहाया भोर सुहाना याद आया
तेरा शहर तेरा आशियाना याद आया ,
आज फ़िर इक सपना याद आया
अमलतास के वृछ तले वो तेरा मिलना याद आया ,
वो शर्माना वो प्यार भरा नजराना याद आया ,
आज फ़िर इक सपना याद आया
ठंडी बयार सा तेरा गुज़रना याद आया,
लाज से बोझिल पलकों का झपकना याद आया,
आज फ़िर इक सपना याद आया
सिले होंठो का चीखना मौन आँखों का बहना याद आया ,
बंधे हाथो की कसमसाहट,टूट ते दिलो का दरकना याद आया,
आज फ़िर इक सपना याद शामो का मृत रातो से सामंजस्य याद आया,
नाम तेरा लेकर के मयखानों में बहकाना याद आया ,
आज फ़िर इक सपना याद आया.........
8Semesters
80GB syllabus
80MB we study
80KB we remember
80Bytes we ans.
BINARY marks we get,
dis is know as B.Tech(Brain is Technically Empty)
15 years ago
2 comments:
bhai maan gaya main tumko...main to bas itna he keh sakta hoon ki tum me itna talent hai to tum usko dikhate kyun nhi ho...har jagah laparwahi nahi dikhani chahiye...always remember, ऊद्यम ही सफलता की कुंजी है।
....well done...is baar to for dala tumne....
oh dear this poem lacks something.....yeah you r right....the tItLe....do mention it........rest everything is superb in this poem.......
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